रोग योग sickness yoga
हमारे हाथ की रेखायो से भी पता चलता है । हमे कोन सी बीमारी है । पुराने समय में वैध यानि डॉक्टर हमारे हाथ की नब्ज नाख़ून का रंग हाथ का रंग हाथ की रेखाये देख कर रोग की पहचान करते थे । परंतु समय के साथ साथ हम लोग अपनी पद्धति को भूलते गये ।पर आज भी हस्त रेखा शास्त्र में हमारे हाथ को देखकर रोग की पहचान बताई गयी है । जो में आज आप को बताने जा रहा हु ।
*दुर्बल शरीर -जब किसी जातक के हाथ में नाख़ून पतले हो तथा जीवन रेखा फिखी हो साथ ही वह जंजीर दार होकर नीचे की और झुकी हो ।
*अकाल मौत -यदि किसी जातक की ह्र्दय रेखा सनी पर्वत को स्पर्श कर रही हो साथ ही मस्तिक रेखा के बीच में क्रॉस का चिह् हो और जीवन रेखा कटी हुवे हो तो उस जातक की अकाल मौत हो जाती है ।
*वंशागत रोग - जहाँ से जीवन रेखा सुरु हो रही हो वहां पर दीप का चिह् हो तो उस जातक को वंशागत रोग होता है ।
*अविकसित शरीर - यदि किसी जातक के हाथ में जीवन रेखा में से रेखाये निकल कर नीचे की और आ रही हो तो जातक का शरीर अविकसित होता है ।
*केन्सर - यदि दोनों हाथो में मंगल रेखायो में शाखाये निकली हो या जीवन रेखा के सुरु में तारे का चिह् हो उस जातक को केंसर होने का खतरा रहता है ।
*मिर्गी का दौरा - यदि किसी जातक की ह्र्दय रेखा पर क्रॉस का चिह् हो व् स्वस्थ रेखा हतेली में कितने ही रंग लिए हो उन जातको को मिर्गी रोग होने का खतरा रहता है ।
*ह्र्दय रोग -यदि हाथ में ह्र्दय रेखा दो हो व् बीच बीच में आपस में मिल जाती हो साथ साथ सनी पर्वत पर जाये तो ह्र्दय रोग होने की आसंका रहती है ।
* जुकाम व नज़ला - चन्द्र पर्वत बहुत अधिक उठा हुवा हो तो जातक को झुकाम व् नजले जैसी बीमारी रहती है ।
*मस्तिक रोग - यदि मस्तिक रेखा जरूरत से ज्यादा चौड़ी हो साथ ही साथ मस्तिक रेखा पर काला तिल अंकित हो तो जातक के जीवन में मस्तिक से जुडी परेशानी होती है ।
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