यह रहस्यमयी शिवलिंग दिन में 3 बार बदलता है रंग क्या सुना है कभी ऐसा चमत्कार



शिवलिंग मतलब शिव का स्वरूप होता है दुनिया में बहुत से शिवलिंग है उनकी अपनी अलग अलग मान्यता है । भारत में 12 ज्योतिलिंग है । उनकी मान्यता है कि भगवान राम ने सीता माता को खोजते समय उनकी पूजा की थी तभी से वो 12 ज्योतिलिंग पूरे भारत में पूजे जाते है । ये 12 ज्योतिलिंग मद्यप्रदेश , उत्तराखंड , महाराष्ट्र  और भी बहुत से प्रान्तों में स्थित है । परंतु इनके अतिरिक्त भारत में एक शिव लिंग ऐसा भी है । जो दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है । और सबसे चमत्कारिक बात यह है कि यह सुबह , दोपहर , और शाम तीनो टाइम अलग अलग रंग बदलता है ।


आप ने दुनिया भर में बहुत से शिव मंदिर देखे होंगे पर यह शिवलिंग रंग बदलने वाला है । यह मंदिर राजस्थान के धौलपुर ज़िले में स्थित जिसका नाम अचलेश्वर महादेव महादेव मंदिर है । धौलपुर जिला राजस्थान और मध्यप्रदेश सीमा पर स्थित है । यह इलाका घने जगलं के नाम से भी प्रसिद्ध पुराने समय में यहां कभी डाकुओं का राज हुवा करता था । इन घने जंगलों के बीच स्थित है ।श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर जिसका शिवलिंग दिन में बदलता है। तीन बार रंग बदलता है ।

 यह शिव लिंग प्राकृतिक है । इसलिए यह शिव लिंग को समर्पित है इस शिवलिंग का सुबह के समय इनका रंग लाल दोपहर के समय केसरिया और रात के समय इसका रंग स्याम हो।जाता है । और सबसे मजेदार बात यह है कि इस शिवलिंग का  अंत आज तक नही खोज पाया क्योंकि यह शिवलिंग धरती के अंदर से निकला हुवा है । पुरातत्व विभाग ने इसके रंग बदलने के कारण के पीछे इसकी खुदाई कराई परन्तु न तो शिवलिंग का अंत पाया आज तक और ना ही कारण स्पस्ट हो सका की यह शिवलिंग रंग क्यों बदलता है । तब से इस शिवलिंग की मान्यता और भी ज्यादा बढ़ गयी ।


मंदिर की महिमा का व्याख्यान करते हुए पुजारी बताते हैं कि यहाँ से भक्त खाली नहीं जाते हैं. खासकर युवा लड़के और लड़कियां यहाँ अपने करियर, नौकरी और विवाह संबंधित समस्याओं के साथ आते हैं और यह भगवान शिव की महिमा ही है कि वह सबकी मुरादे पूरी भी करते हैं ।


पुजारी जी ने बताया कि हजारों साल बाद भी मंदिर का महत्व आज भी ऐसा का ऐसा ही है । परंतु मंदिर में आने वाला रास्ता आज भी कच्चा है । इस कारण से ज्यादा श्रद्धालु मंदिर में नही आ पाते है । मंदिर को प्रसासन की मदद की जरूरत है । अगर प्रसासन मदद  करे तो मंदिर में काफी कुछ बदल सकता है ।


अचलेश्वर महादेव मंदिर हजारो साल पुराना है । ऐसा लगता है जैसे यह मंदिर पत्थरो की चट्टानों को काटकर बनाया गया है । अब इनको भगवान का चमत्कार क्यों नही माने अगर आप भी साइंस में रूचि रखते है । तो
अचलेश्वर महादेव मंदिर जाकर इस शिवलिंग पर खोज कर सकते है । परन्तु इस शिवलिंग पर पहले ही खोज हुई परन्तु साइंस को नाकामी के सिवाए कुछ भी हाथ नही लगा ।



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