खुदीराम बॉस सबसे कम उम्र में फांसी पर चढ़ने वाले देशभक्त 18 साल की उम्र में हो गयी थी फांसी Skip to main content


खुदीराम बॉस सबसे कम उम्र में फांसी पर चढ़ने वाले देशभक्त 18 साल की उम्र में हो गयी थी फांसी

3 दिसम्बर 1889 की बात है | जब भारत माता की इस धरा पर एक वीर सपूत ने जन्म लिया जिसका नाम था खुदीराम बोस |बोस का जन्म बंगाल में मिदनापुर ज़िले के हबीबपुर गाँव में हुआ था |जन्म से ही खुदीराम बोस के सर से माँ का साया उठ गया था | नाम त्रैलोक्य नाथ बोस और माता का नाम लक्ष्मीप्रिय देवी था | बोस बचपन से ही आज़ादी के दीवाने थे |इनके अंदर देश के लिए कुछ करने की इच्छा बचपन से ही थी |

राजनीतिक गतिविधियों में कम उम्र में हो गये थे शामिल 

Wikipedia
मात्र 13 साल की उम्र से खुदीराम बोस देश को आजाद कराने के लिए |राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने लगे थे खुदीराम बोस अपने देश के उन युवाओ में शामिल थे जो अग्रेजी हुकुमत को उखाड़ फेंकने में सबसे आगे थे |खुदीराम बोस देश को आजाद कराने वाले जलूसो में सबसे आगे रहते थे | और देश के लिए नारे लगाते थे इस ही कारण से खुदीराम बोस ने 9 वी कक्षा में पढाई छोड़ दी थी |

जीवन सत्येन बोस कार्यक्रम चलाया 

खुदीराम बोस बंगाल विभाजन न हो इसके लिए आंदोलन में कूद पड़े |बोस ने देश आजाद कराने के लिए खुद का कार्यक्रम चलाया जिसका नाम जीवन सत्येन बोस था | इस कार्यक्रम के दोरान उन्होंने अग्रेजी सरकार के हर थाने में आग लगाना सुरु कर दिया | और उन पर राजद्र्हो का मुकदमा हो गया | परंतु किसी ने बोस के खिलाफ गवाही नहीं दी इस वजह से बोस निर्दोष साबित होकर जेल से बाहर आ गये |

खुदीराम बॉस का वाट्सन पर हमला
 
उसके बाद में खुदीराम बोस वन्देमातरम के इश्तेहार बाटते पकड़े गये परन्तु उर कम होने की वजह से चोर दिया गया |फिर बोस ने खुदीराम बोस ने नारायणगढ़ नामक रेलवे स्टेशन पर बंगाल के गवर्नर की विशेष ट्रेन पर हमला किया परन्तु गवर्नर साफ़-साफ़ बच निकला | उसके बाद खुदीराम बोस ने वर्ष 1908 में उन्होंने वाट्सन और पैम्फलेट मुलर नामक दो अंग्रेजी अधिकारियों पर बम से हमला किया उनकी किस्मत ने बड़ा साथ दिया हमारे ही कुछ लोगो ने अग्रेजी अधिकारी को बता दिया और वो बच निकला |

वीर पुत्र को फांसी
 
Internet
अधिकारियो के उपर बम फेकने और उन को जान से मारने के अपराध में खुदीराम बोस पर मुकदमा चलाया गया |और इस बार अग्रेजी अधिकारियो के गवाही देने की वजह से खुदीराम बोस को 11 अगस्त सन 1908 को उन्हें फांसी दे दी गयी |उस समय खुदीराम बोस की उम्र मात्र 18 साल और कुछ महीने थी |और देश के वीर पुत्र खुदीराम बोस इतने निडर थे की हाथ में पवित्र गीता लेकर खुशी खुशी फांसी पर चड गये |

Comments

Popular posts from this blog

विद्या रेखा । vidya rekha | tha line of education

कैसे होते है हाथ में प्रेम विवाह के योग SYMBOL OF LOVE MARRIAGE IN HAND - Love marriage line in female hand in hindi

Triangle । त्रिभुज

क्रॉस× का निशान symbol of cross - गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान

CHILDREN LINE santan rekha संतान रेखा - child line in hand in hindi & baby boy line in hand in hindi

किसी भी कीमती वस्तु के खोने पर अंक ज्योतिष से इस तरह जाने , कहा खोई है आपकी कीमती वस्तु

यात्रा रेखा । विदेश यात्रा रेखा । यात्रा योग । विदेश यात्रा योग । yatra rekha yog | videsh yatra yog | tha line of journey

मंगल रेखा । Mangal Rekha And Upay | The line of mars

मस्तिक रेखा MASTISK REKHA LINE OF MIND