शिवपिंडी पर खुद पड़ता है जल आज तक कोई नही जान पाया कहा से आता है यह जल अभी पढ़े
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भारत देश आस्था का देश माना जाता है तभी यहाँ भगवान अपने नये नये चमत्कार अपने श्रद्धालुओं के लिए करते रहते है . एक ऐसा ही अद्भुत चमत्कार देखने को मिलता है . भारत देश के झारखंड प्रान्त के रामगढ़ में यहाँ एक शिवलिंग पर जल आकर पड़ता है और वह जल माँ गंगा की नाभि से निकलता है . परन्तु आज तक कोई यह नही समझ पाया यह जल उस नाभि के अंदर से आता है . यह बात आज तक वैज्ञानिको के लिए भी एक प्रश्न बनकर खड़ी है और हम लोगो के लिए बना है यह एक रहस्य .
बारह महीने और चौबीस घंटे होता जल अभिषेक
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सबसे ख़ास बात तो यह है की यहाँ शिवपिंडी पर पड़ने वाला जल साल के बारह महीने और चौबीस घंटे शिवपिंडी पर पड़ता रहता है . और यह जलाभिषेक सदियों से होता आ रहा है बताया जाता है . की उसका उल्लेख पुराणों में भी किया गया है यहाँ आने वाले सभी श्रद्धालु जो भी सच्चे दिल से बाबा भोलेनाथ से मांगते है . वह हार हाल में पूरी होती है .
अग्रेजो से जुड़ा है मन्दिर का इतिहा
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यहाँ के लोग बताते है की इस मन्दिर का इतिहास अग्रेजो के साथ जुड़ा हुवा है समय 1935 का था अग्रेजो ने भारत में उस समय रेलवे लाइन बनाने का काम किया हुवा था . तभी रामगढ की इस धरती पर खुदाई का काम जोरो पर था तभी वहां से एक चोटीनुमा चीज़ दिखाई दी . अग्रेजो ने जानने के लिए और ज्यादा खुदाई कराई तब यह मन्दिर सामने आया और मन्दिर में थी माँ गंगा और शिवपिंडी जो आज भी लोगो के लिए रहस्य बना हुवा है .
कहाँ से आता है जल
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जल कहा से आता है यह बात आज भी रहस्य बनी है लेकिन शिवपिंडी के उपर जल कैसे आकर पड़ता है हम आप को बता देते है . यह जल माँ गंगा की नाभि से निकलकर उनके हाथो में आता है . और वहा से फिर शिवपिंडी पर आकर गिरता है मन्दिर के पास तो हैंडपंप भी है जिनको चलाने की कभी जरूरत नहीं पडती उनमे से भी खुद ही जल निकालकर आता है . परन्तु मन्दिर के पास से एक नदी भी जा रही है जो हमेसा शुखी रहती है परन्तु यह राज आज तक भी राज ही बना है कोई भी वैज्ञानिक इस बात को स्पस्ट नहीं कर पाया की जल कहाँ से आता है .












 
 
 
 
 
 
 
 
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