हिन्दू धर्म के 5 ऐसी बाते जो हर हिन्दू को जाननी चाहिये
हिन्दू धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म माना जाता है . कहा जाता है की बाकी सभी धर्म हिन्दू धर्म से ही निकलकर बने है . यह धर्म दुनिया के सभी धर्म से काफी अलग और पूर्ति पूजा में आस्था रखने वाला है . दुनिया के अन्य कोई भी धर्म मूर्ति पूजा को प्रोत्साहन नही देते . ऐसे ही कुछ 10 रहस्य जिनके बारे में हिन्दू धर्म के लोगो को बहुत कम मालुम है आइए जानते है इनके बारे में विस्तार से .
पहला रहस्य

दुनिया में बहुत से धर्म है परन्तु 12 धर्मो की सबसे अधिक मान्यता है . इन सभी 12 धर्मो के बारे में आपको इनका प्रारभिक समय और किसने प्रारभ किया मिल सकता है . परन्तु हिन्दू धर्म का दुनिया की किसी भी पुस्तक में आपको प्रारभिक काल नही मिल सकता . माना जाता है की हिन्दू धर्म के प्रसार - प्रचार काफी ऋषियो ने किया है जिनका जिक्र हिंदी धर्म की धार्मिक पुस्तको में है .
दूसरा रहस्य

हिन्दू धर्म के चार वेद है जिनमे से सबसे पुराना वेद ऋग्वेद है . माना जाता है की हिन्दू धर्म के ऋग्वेद में सभी देवी देवताओं की स्तुति पूजा पाठ आवाहन है . ऋग्वेद का इतिहास लगभग तीन हजार आठ सौ साल पुराना है .माना जाता है की तीन हजार पाच सौ साल तक इनको मौखिक बोल कर ही एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पाहुचाया जाता था .
तीसरा रहस्य
माना जाता है की भगवान की पूजा

से दुनिया में सभी कार्य बनते है . और सभी धर्म के लोगो का पूजा करने का तरीका अलग है . परन्तु हिन्दू धर्म का जो पूजा करने का तरीका है वह अन्य किसी धर्म में नही है . अन्य सभी धर्मो में पूजा का एक समय है . परन्तु हिन्धू धर्म में जब भी आप के दिल में भगवान के लिए भाव बने आप पूजा कर सकते है . साथ ही साथ जितनी धुम - धाम से हिन्दू धर्म में पूजा होती है इतनी अन्य किसी धर्म में नही होती .
चौथा रहस्य

हिन्धू धर्म में लगभग 36 करोड़ देवी देवता है . जिन सभी की गिनती समान है इस ही कारण से हिन्दू धर्म में स्त्री को सबसे उपर दर्जा दिया जाता है . माना जाता है जितना आदर स्त्रियों का हिन्धू द्ग्र्म में होता है . वह दुनिया के किसी भी धर्म में नही होता .
पाचवा रहस्य

हिन्धू धर्म में 108 के आकडे का बहुत महत्व है जैसे की माला में 108 मनके होते है . हम आपको बता दे की 108 के आकडे का इसीलिए महत्व है . क्योंकि ज्योतिष के अनुसार ब्रह्मांड को 12 भागों में विभाजित किया गया है . इन 12 भागों के नाम मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन हैं . इन 12 राशियों में नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु विचरण करते हैं . अत: ग्रहों की संख्या 9 का गुणा किया जाए राशियों की संख्या 12 में तो संख्या 108 प्राप्त हो जाती है .
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