क्या आप जानते है करवा चौथ पर कर्वे में जल क्यों भरते है क्या है इसके पीछे की मान्यता
8 अक्टूबर 2017 को करवा चौथ है . परन्तु करवा चौथ की तयारी के लिए महिलाये अभी से जुट गयी है और बाजरो में करवा चौथ की धूम - धाम भी जोरो पर है .इस व्रत को शादी सुदा महिला अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखती है . करवा चौथ की पूजा में कर्वे में जल भरकर रखा जाता है . परन्तु इस बात को कोई नही जानता की करवा चौथ की पूजा में कर्वे में जल क्यों भरा जाता है और इसकी मान्यता क्या है . आज हम आपको इस बारे में ही बताने जा रहे है आइए जानते है विस्तार से .
इसीलिए भरा जाता है कर्वे में जल
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हिन्दू शास्त्रों के अनुसार माना जाता है की मिटटी का करवा पंचतत्व का प्रतीक होता है . हम आपको बता दे की इसको बनाने के लिए मिट्टी और पानी का इस्तेमाल किया जाता है . उसके बाद इसको धुप और वायु में रखकर सुखाया जाता है उसके बाद इसको आग में तपाया जाता है . जिसके बाद इसका सुधि कर्ण हो जाता है पानी , मिट्टी , धुप , वायु और अग्नि इन पाच को ही हिन्दू धर्म में पंचतत्व कहते है . और हिन्दू धर्म में पंचतत्व को ही परब्रह्म माना जाता है इसी कारण ये हर महिला करवा चौथ के दिन मिट्टी के कर्वे में जल भरकर रखती है . और इस पानी को पीकर ही पति अपने रिश्ते की हमेशा रक्षा करता है . यदि इस पानी को पत्नी पिए तो वो उसके लिए अमृत के सामान होता है . इस ही कारण से पंचतत्व से बने कर्वे में महिलाये जल भरकर अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती है .












 
 
 
 
 
 
 
 
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