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विद्या रेखा विद्या रेखा का हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा महत्व होता है विद्या रेखा से ही पता चलता है हम कितना पड़ पाते है कितना नही क्या हमारी पढ़ाई पूरी होगी तमाम सवाल इस रेखा में छिपे होते है। * विद्या रेखा का प्रारंभ हाथ में अनामिका व् मध्यमा उंगली के बीच से होता है कहा जाये तो सनी की ऊँगली और सूर्य की ऊँगली के बीच से होता है । इस रेखा का जुकाव हल्का सा अनामिका उंगली की तरफ होता है । * माना जाता है कि जिन जातकों के हाथों में यह रेखा होती है वे जातक गरीब से गरीब घर में जनम लेकर अच्छी शिक्षा पराप्त करते है । जिन जातको के हाथों में यह रेखा होती है वे जातक पूर्ण शिक्षा पराप्त करते है । * जिन जातकों के हाथ में विद्या रेखा पर क्रॉस का चिह् होता है । ये जातक जीवन में कितनी ही बार फ़ैल होते है । तथा विद्या रेखा पर काला निसान होना भी पढ़ाई के छेत्र में नाकामयाबी दरसाता है । *कुछ हाथो में विद्या रेखा नही होती तो उन जातको की पढ़ाई का आकलन अन्य रेखा अथवा पर्वत के आधार पर किया जाता है ----------------------------------------------------------------------------------...
विवाह रेखा कुछ जातक बिना किसी सलाह के प्रेम विवाह कर लेते है जिसके कारण उनको बहुत ही व् भाती भाती के पापड़ बेलने पड़ते है अगर आप के हाथ में है कुछ इस तरह के पॉइंट्स तो आप का विवाह शुभ होगा नही तो आप प्रेम विवाह की नाज़ हो सोचे तो बहेतर होगा ।। क्या क्या पॉइंट्स होने चाइए आइये जानते है । *यदि आप के हाथ में विवाह रेखा बिना किसी क्रॉस के निशान के है या उसको अन्य कोई रेखा न काट रही हो तो *अगर आप की ह्र्दय रेखा आखिर में 2 भिन भिन रेखाओं में विभाजित हो जाये ठीक जैसे चित्र में दरसाया गया है *यदि आप के बृस्पति पर्वत पर क्रॉस का निसान है तो और निसान साफ और कटा हुवा न हो तो जातक का प्रेम विवाह सफल माना जाता है ।। अगर जातक के हाथ में से इन पॉइंट्स में से कोई भी पॉइंट्स न मिले तो जातक को प्रेम विवाह के बारे में नही सोचना चाइए नही तो वह सारी उम्र दुख का भागीदार होगा --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- Marriage line Some people marry love without advice, because of which They had to be very...
हमारी हतेली में कही पर भी तीन रेखाये आपस में मिलती हो । जिसमें चित्र में दिखाया गया आकार बनाती हो । त्रिभुज यानि कि triangle कहा जाता है । त्रिभुज हाथ में छोटा व् बड़ा किसी भी तरह का हो सकता है। त्रिभुज हतेली में किसी भी स्थान पर हो सकता है । त्रिभुज की अलग अलग जगह पर अलग अलग मान्यता होती है । त्रिभुज की गणना हस्त रेखा शास्त्र में हस्त चिह् के नाम से जानी जाती है । यह एक चिह् होता है । *हाथ में जितना बड़ा त्रिभुज होता है वह इतना ही फलदायी होता है । बड़ा त्रिभुज विशाल ह्र्दय का परिचय देता है । * जो त्रिभुज स्पस्ट गहरी निर्दोष रेखा से बनता है वह अधिक फल देने वाला होता है । * यदि किसी जातक के हाथ में कोई बड़ा त्रिभुज और उसके अंदर छोटा त्रिभुज बन जाये तो जातक जीवन में उच्च पद प्राप्त करता है । * यदि किसी जातक के हाथ में त्रिभुज शुक्र पर्वत पर दिखाई दे तो जातक मन को मोह लेने वाला व् मीठा बोलने वाला होता है । इनका स्वभाव अत्यअधिक मधुर होता है । *यदि किसी जातक के हाथ में टुटा हुवा त्रिभुज दिखाई दे तो वह जातक विपरित लिंग के लोगो में दिलचस्प रखने वाला होता है । * यदि किसी जातक के मं...
प्रिय क्रॉस का निशान यानि गणित की भाषा में गुणा × का निशान बोले जाने वाला हमारे हाथ में कितनी बार देखा जाता है । पर हमें मालूम नही होता क्या होता है क्रॉस के निशान से इसका हमारे जीवन में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है । Guru parvat par cross ka nishan क्रॉस का निशान हमारे हाथ में किसी भी पर्वत या किसी भी रेखा पर हो सकता है। आईये जानते है क्रॉस से हमारे जीवन में क्या प्रभाव पड़ते है । गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान - Guru parvat par cross ka nishan * यदि किसी जातक के गुरु पर्वत पर क्रॉस का निशान होता है तो जातक हर तरह से शुख का भागीदार होता है । जातक को उनका लाइफ पार्टनर शिक्षित व् धनी कुल का मिलता है मिलता है । व् उसका अपनी पाटर्नर के साथ वैवाहिक जीवन शुखमय होता है । क्रॉस का निशान केवल गुरु पर्वत पर ही शुभ होता है अन्य स्थान पर होने से हमेसा इसका अशुभ फल देखा गया है । *यदि सनी पर्वत पर क्रॉस का निशान हो तो जातक को लड़ाई में चोट लगती है ऐसे जातक के आकाल मृतु होती है । *यदि क्रॉस का निशान सूर्य पर्वत पर हो तो जातक हमेसा बदनामी का पात्र बना रहता है ...
Child line in hand in hindi (संतान रेख)ा भाग्य में संतान सुख का प्रमाण ज्योतिष के अनुसार कई चीजों में होता है जैसे कुंडली या हस्त रेखाओं में। हाथ की संतान रेखा (Santan Rekha or Kids Line in Hands) भाग्य में संतान सुख की एक बेहद अहम निशानी है। कहां होती है संतान रेखा? (Line of Children or Santan Rekha in Palmistry in Hindi): संतान रेखाएं ठीक विवाह रेखा के ऊपर होती हैं। बुध पर्वत यानि छोटी अंगुली के ठीक नीचे के भाग में विवाह रेखा होती है| वहीं मौजुद खड़ी रेखाएं संतान रेखा कहलाती हैं। संतान प्राप्ति के योगों को कई अन्य रेखाएं भी प्रभावित करती हैं जैसे मणिबंध रेखा, अंगुठे के नीचे पाई जाने वाली छोटी रेखा आदि। कैसे पढ़े संतान रेखा (How to Read Santan Rekha): संतान रेखा स्पष्ट हैं तो इसका अर्थ है संतान अच्छी और माता पिता का सम्मान करने वाली होगी। * अस्पष्ट और टूटी रेखाएं बच्चें के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। * इसके अलावा संतान योग को मणिबंध रेखाएं भी प्रभावित करती हैं। यदि पहली मणिबंध रेखा का झुकाव कलाई की तरफ है और वह हथेली में प्रविष्ट होती दिखे तो इसका अर्थ है...
नमस्कार दोस्तों आज हम आपको बताने वाले है . की जब कोई भी कीमती वस्तु खो जाती है या गुम हो जाती है . तो अंक ज्योतिष शास्त्र अनुसार उस वस्तु की जानकारी कैसे प्राप्त करे . माना जाता है की यदि कोई वस्तु खो जाये या गुम हो जाए तो उसको जानने का सबसे आसन तरीका अंक ज्योतिष शास्त्र है . और अंक ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से ही आज हम आपको खो जाने वाली वस्तु का पता लगाने का तरीका बताने वाले है . आइए जानते है कैसे पता लगाते है खो जाने वाली या गुम हो जाने वाली चीज़ का . क्या करना है Third party image reference जब आप इस बात को पता लगाने बैठे की आपकी चीज़ कहा है . तो उसके लिए आपको अंक ज्योतिष के आधार पर 11 से 108 तक का अपने मन में कोई भी अंक सोचना है . और आप जो भी अंक सोचा है उसको 9 से भाग कर देना है . भाग कर देने पर जो भी शेषफल बचता है वह शेषफल ही बताता है की आपकी खोई हुई चीज़ कहा स्थित है . उदाहरण उदाहरण के तौर पर हम आपको बता दे की जैसे आपने 73 अंक अपने मन में सोच लिया है . और अब उसको बताए गये तरीके 9 से भाग देते है . यदि आप 71 को 9 से भाग करते है तो शेषफल 1 बचता है . यदि शेषफल एक ...
यात्रा रेखा व् यात्रा योग हर एक व्यक्ति के जीवन में घूमने की इच्छा होती है चाहे वो विदेश यात्रा हो या फिर देश की यात्रा कुछ रेखाओं से ज्ञात होता है हम देश की यात्रा करेंगे या विदेश की रेखाये यहाँ तलक बता देती है आप कितने समय बाद और कोन से वाहन से यात्रा करेंगे साथ ही साथ रेखाये हमको हमारी यात्रा में आने वाली बाधाओं का भी बौध कराती है । यात्रा रेखा हमारे हाथ में मुख्य रूप से चंद्र छेत्र से चलती है । परंतु अन्य छेत्र से भी यात्रा रेखाएं आती है जो की विवरण में स्पष्ट किया गया है अन्य छेत्र से आने वाली यात्रा रेखाये * यदि कोई रेखा मंगल छेत्र से निकलकर जीवन रेखा पर मिलती हो और मद्यमा ऊँगली के नाख़ून पर अर्ध चंद्र बना हो तो जातक जीवन में कितनी ही बार यात्रा करता है । *यदि मद्यमा ऊँगली के नाख़ून पर अर्ध चंद्र बना हो और वह अर्ध चंद्र नाख़ून में तीन महीने तक रहे और कोई एक रेखा इंद्र पर्वत यानि प्लूटो पर्वत से निकल कर अनामिका की और जाये तो जातक निश्चय ही वायुयान से विदेश की यात्रा करता है । * यदि हाथ में शुक्र छेत्र और प्रजापति छेत्र जिसे हम हर्सल छेत्र भी ...
Mangal Rekha - मंगल रेखा यह रेखा हमारे हाथ में निम्न मंगल छेत्र या जीवन रेखा के प्रारंभिक भाग से निकलती है । कुछ जातको के हाथ में मंगल रेखा जीवन रेखा के साथ साथ चलती है जबकि कुछ हाथ में यह रेखा सुक्र पर्वत पर जाती है ।हाथ में यह रेखा इन दो अवस्था में देखि गयी है । ये रेखाये हाथ में एक या एक से अधिक हो सकती है । हाथ में ये रेखाये मोटी , पतली , गहरी , अवस्था में देखि जा सकती है । परंतु हमेसा मंगल रेखा का प्रारंभ मंगल पर्वत से ही होगा इसलिए इस रेखा को मंगल की रेखा कहते है । * जिन जातकों के हाथ में ये रेखाये होती है वे जातक अत्यंत प्रभावसाली और त्रीव बुद्धि के होते है । हर कार्य को सोच समझ कर करने के गुण इनमे भली प्रकार से देखे जा सकते है । ये जातक समाज में बुद्धिजीवी कहे जाते है । जिस कार्य को ये सोच लेते है उस कार्य को पूरा किये बिना नही हटते । इस तरह के जातक पूर्णत विश्वाश पात्र होते है । शारीरिक दृष्टि से ये हस्ट पुष्ट होते है । गुसा भी इन जातको में नाम मात्र का होता है । * जिन जातको की मंगल रेखा शुक्र पर्वत पर जाती है वे जातक हमेसा लापरवाह होते है इनका स्वभाव चिड़चिड़ा ...
मस्तिष्क रेखा किसी इंसान की बुद्धिमानी, समझदारी और पढ़ाई के बारें में भविष्यवाणी करने के लिए मस्तिष्क रेखा (Head Lines Palmistry) का अध्ययन किया जाता है। कहां होती है मस्तिष्क रेखा? (Head Line in Palmistry): हथेली के एक छोर से दूसरे छोर की तरफ जाने वाली रेखा मस्तिष्क रेखा कहलाती है। मस्तिष्क रेखा के पास से ही जीवन रेखा का उदय होता है। मस्तिषक रेखा से व्यक्ति की प्रतिभा, ऊर्जा, तर्कक्षमता आदि लक्षणों के बारें में जान सकते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि मस्तिष्क रेखा हथेली के एक छोर से शुरु होकर दूसरे छोर तक ही जाएं। कई जातकों की हथेली (Head Line in Hand- Hindi) पर यह रेखा मध्य या हथेली के बीच तक ही सीमित होती है। या कई बार यह भाग्य रेखा से कटने के बाद क्षीण होकर खत्म हो जाती है। मस्तिष्क रेखा का फल (Head Line Reading in Hindi): साफ, गहरी और लंबी मस्तिष्क रेखा जातक के अति कुशल और बुद्धिमान होने की निशानी है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार अगर मस्तिष्क रेखा बेहद स्पष्ट, बिना किसी सहायक रेखा द्वारा क्रॉस और सीधी खत्म होने वाली हो तो यह जीवन में उच्च शिक्षा प्राप्त...